Fatafat Weekly car News February F6 Highlights by aBTOTEX, 2025
- abtotexblog
- 10 फ़र॰
- 4 मिनट पठन
साप्ताहिक कार समाचार: जनवरी F6 हाइलाइट्स (2025)
इस सप्ताह भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कई अहम घटनाएँ हुईं। केंद्र सरकार के आम बजट 2025-26 ने ऑटो सेक्टर को मजबूती देने के लिए कई बड़े कदम उठाए। वहीं, प्रमुख कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी, कानूनी चुनौतियों और नए ईंधन मानकों की ओर कदम बढ़ाए। आइए जानते हैं इस सप्ताह के टॉप 10 अपडेट्स:
1. यूनियन बजट 2025-26: ऑटो सेक्टर के लिए नया उत्साह
1 फरवरी 2025 को पेश हुए केंद्रीय बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई अहम घोषणाएँ की गईं। इसमें मुख्य रूप से कर राहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए समर्थन और छोटे उद्योगों को सहायता दी गई है।
कर राहत और प्रोत्साहन: आयकर दरों में कटौती और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएँ पेश की गईं। इससे ग्राहकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और ऑटोमोबाइल बिक्री को गति मिलेगी।
ईवी सेक्टर को बढ़ावा: बैटरी निर्माण और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए नई सब्सिडी दी गई है। यह नीति इलेक्ट्रिक वाहनों के व्यापक उपयोग को प्रेरित करेगी।
एमएसएमई सहायता: छोटे और मध्यम स्तर के ऑटोमोबाइल विनिर्माण उद्योगों को तकनीकी अपग्रेड के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
यह बजट पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार की ऑटोमोबाइल तकनीकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
2. मारुति सुजुकी की कीमतों में बढ़ोतरी
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने 1 फरवरी 2025 से अपने वाहनों की कीमतों में ₹32,500 तक की वृद्धि की घोषणा की है।
कारण: कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि और लॉजिस्टिक्स लागत बढ़ने के कारण यह फैसला लिया गया।
बाजार प्रतिक्रिया: संभावित खरीदारों को यह झटका लगा है, लेकिन विश्लेषकों के अनुसार, यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों को संतुलित करने की कोशिश है।
दीर्घकालिक रणनीति: उद्योग के अन्य खिलाड़ी भी इसी प्रकार की कीमत वृद्धि का अनुसरण कर सकते हैं।
3. होंडा कार्स ने E20 पेट्रोल अपनाया
होंडा कार्स इंडिया ने घोषणा की कि उनके सभी मॉडल अब E20 पेट्रोल (20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल) के अनुकूल हैं।
पर्यावरणीय लाभ: E20 ईंधन कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा और प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेगा।
सरकारी नियमों के अनुरूप: यह भारत सरकार की हरित ऊर्जा पहल के साथ मेल खाता है।
ग्राहकों को लाभ: वाहन की ईंधन दक्षता बढ़ सकती है, जिससे रखरखाव लागत कम होगी।
4. वोक्सवैगन पर ₹11,600 करोड़ का कर विवाद
वोक्सवैगन इंडिया ने भारत सरकार के ₹11,600 करोड़ (1.4 बिलियन डॉलर) के कर दावे को अदालत में चुनौती दी है।
कानूनी विवाद: कंपनी का दावा है कि यह शुल्क गलत कर वर्गीकरण के कारण लगाया गया है।
औद्योगिक प्रभाव: इस मामले का निपटारा अन्य विदेशी निवेशकों के लिए मिसाल बनेगा।
बाजार पर असर: कानूनी चुनौतियाँ विदेशी कंपनियों की निवेश योजनाओं को प्रभावित कर सकती हैं।
5. किया मोटर्स पर ₹1,300 करोड़ की कर चोरी का आरोप
दक्षिण कोरियाई कंपनी किया मोटर्स भी भारत में कर चोरी के आरोपों में घिर गई है।
आरोप और प्रतिक्रिया: भारतीय अधिकारियों का आरोप है कि कंपनी ने कर वर्गीकरण में गड़बड़ी की, जबकि किया मोटर्स ने इन दावों का खंडन किया है।
वित्तीय प्रभाव: अगर आरोप साबित हुए, तो कंपनी को बड़ा जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
उद्योग पर असर: यह मामला ऑटोमोबाइल सेक्टर में कर अनुपालन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार को प्रेरित कर सकता है।
6. आर्थिक सर्वेक्षण 2025: श्रमिक सुरक्षा पर जोर
भारत सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में ऑटोमोबाइल उद्योग में श्रमिकों की सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
श्रम कानूनों का सख्त क्रियान्वयन: कंपनियों को श्रमिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया गया।
सुरक्षा मानकों का आधुनिकीकरण: आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों को अपनाने की सिफारिश की गई है।
व्यापक प्रभाव: सुरक्षित कार्यस्थल न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाएंगे, बल्कि उत्पादकता में भी सुधार करेंगे।
7. जनवरी 2025 में वाहन पंजीकरण में 6.6% की वृद्धि
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, जनवरी 2025 में वाहनों के पंजीकरण में 6.6% की वृद्धि देखी गई।
सभी श्रेणियों में वृद्धि: यात्री वाहन, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में इजाफा हुआ।
बाजार की गतिशीलता: यह वृद्धि दर्शाती है कि ग्राहक अब भी निजी वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
आगे की संभावनाएँ: वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में सकारात्मक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।
8. वित्त वर्ष 2025 के लिए सीमित वृद्धि का पूर्वानुमान
नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय यात्री वाहन उद्योग को वित्त वर्ष 2025 में केवल 1.5% की वृद्धि देखने को मिल सकती है।
अर्थव्यवस्था में सतर्कता: आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण उपभोक्ताओं की खरीदारी धीमी हो सकती है।
खर्चों में कटौती: ऑटो कंपनियाँ लागत में कटौती और दक्षता सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
ग्राहकों की मानसिकता: बजट-अनुकूल कारों की मांग बनी रहेगी, लेकिन प्रीमियम सेगमेंट में गिरावट संभव है।
9. बजट 2025 पर ऑटो इंडस्ट्री की सकारात्मक प्रतिक्रिया
बजट 2025-26 को टाटा मोटर्स, महिंद्रा और हीरो मोटोकॉर्प जैसी बड़ी कंपनियों ने सराहा।
ईवी नीतियाँ: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाले कदमों की सराहना की गई।
स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा: बजट से भारत में उत्पादन को मजबूती मिलेगी, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी।
निवेशकों का भरोसा: बजट के बाद ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में स्थिरता देखी गई।
10. बजाज ऑटो का ई-रिक्शा बाजार में प्रवेश
बजाज ऑटो ने भारत के तेजी से बढ़ते ई-रिक्शा बाजार में कदम रखने की घोषणा की है।
बाजार की संभावना: भारत में हर महीने लगभग 45,000 ई-रिक्शा बेचे जाते हैं।
सरकारी अनुमोदन: बजाज ऑटो इस साल के अंत तक अपना ई-रिक्शा लॉन्च कर सकती है।
रणनीतिक बदलाव: यह कदम बजाज के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर में विविधीकरण का संकेत है।
निष्कर्ष
इस सप्ताह भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बड़े फैसले और बदलाव देखने को मिले। कीमतों में वृद्धि, कर विवाद, ईंधन परिवर्तन और ईवी विकास के बीच सरकार और उद्योग जगत दोनों नए अवसरों की तलाश में हैं। ऑटो सेक्टर के ये बदलाव आने वाले महीनों में भारतीय बाजार की दिशा तय करेंगे।
आपको यह जानकारी कैसी लगी? हमें कमेंट में बताइए और ऑटो जगत की ताजा ख़बरों के लिए जुड़े रहिए!
Comments